ऐसी लागी रे लगन भटके रे वन वन बृजबाला लिरिक्स | aisi lagi re lagan bhatke re van van brajbala lyrics

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ऐसी लागी रे लगन,
भटके रे वन वन बृजबाला।

दोहा – मोहब्बत जिसने की तुमसे,
मिला है उसको गम मोहन,
और नफरत भी की जिसने,
मिला उसको भी गम मोहन,
तुम्हारे पास भला और क्या है देने को,
दिया है गर किसी को कुछ,
दिया बस एक गम मोहन।

ऐसी लागी रे लगन,
भटके रे वन वन बृजबाला,
कित खो गयो मुरली वाला।।

सखी नैनो से नेह लगा के,
ऐसी दिल में प्रीत जगाके,
लागी तन में अगन,
संग ले गया मन नंदलाला,
कित खो गयो मुरली वाला।।

सखी लागे ना जिया संसार में,
भई पागल कन्हैया के प्यार में,
मोहे याद सताए,
नींद आंखों के उड़ाए बंसीवाला,
कित खो गया मुरली वाला।।

कैसे कान्हा की याद भुलाऊं रे,
कैसे मन को धीर बंधाऊं रे,
तान दिल में समाए,
ऐसी मुरली बजाए गोपाला
कित खो गयो मुरली वाला।।

ऐसी लागि रे लगन,
भटके रे वन वन बृजबाला,
कित खो गयो मुरली वाला।।

Lyricist & Singer – Manoj Kumar khare}]

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