आओ रे भक्तो खेले होली महाकाल के आँगन में | aao re bhakto khele holi mahakal ke aangan me

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आयो रे फागन खेले होली,
महाकाल के आँगन में,
आओ रे भक्तो खेले होली,
महाकाल के आँगन में,
आओ रे भक्तों हिलमिल खेले होली,
महाकाल के आँगन में।।

देखे – खेले मसाने में होरी।

फागण का रंग बरस रहा है,
इत्र गुलाल भी महक रहा है,
होती है बरसात धर्म की,
महाकाल के आँगन में,
आओ रे भक्तों खेलें होली,
महाकाल के आँगन में।।

भक्त सभी उज्जैन में आके,
खोये हुए है मस्ती में,
रंग गुलाल से खेले होली,
महाकाल के आँगन में,
आओ रे भक्तों खेलें होली,
महाकाल के आँगन में।।

धरती अम्बर चाँद सितारे,
मिलकर कहते है ये सारे,
आयी है देवो की टोली,
महाकाल के आँगन में,
आओ रे भक्तों खेलें होली,
महाकाल के आँगन में।।

जो भी मांगो वो मिलता है,
बाबा के दरबार में आके,
खुल जाती है किस्मत सबकी,
महाकाल के आँगन में,
आओ रे भक्तों खेलें होली,
महाकाल के आँगन में।।

आयो रे फागन खेले होली,
महाकाल के आँगन में,
आओ रे भक्तो खेले होली,
महाकाल के आँगन में,
आओ रे भक्तों हिलमिल खेले होली,
महाकाल के आँगन में।।

गायक – गजेंद्र प्रताप सिंह।
प्रेषक – कमल किशोर पांचाल।
9644715360

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