आंख्या का पट खोल सांवरा क्यों तरसावे है लिरिक्स | aankhya ka pat khol sanwara kyo tarsave hai lyrics

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आंख्या का पट खोल सांवरा,

दोहा – टाबरिया सु सांवरा,
लियो क्यों मोह हटाय,
थारो ही म्हाने आसरो,
म्हाने तू ही आन बचाय।

आंख्या का पट खोल सांवरा,
क्यों तरसावे है,
भगत दुखारी रे,
भगत दुखारी रे,
भगत दुखारी रे,
थारी बाट निहारे,
आख्यां का पट खोल सांवरा,
क्यों तरसावे है।।

तर्ज – पाछा जाता सांवरा।

गम का या बादल म्हारे,
सिर मँडरावे है,
विपदा अनोखी म्हाने,
पल पल डरावे है,
धीरज यो छुट्यो रे,
धीरज यो छुट्यो रे,
धीरज यो छुट्यो रे,
थारा भगत पुकारे,
आख्यां का पट खोल सांवरा,
क्यों तरसावे है।।

सुनी पड़ी है बाबा,
थारी फुलवारी रे,
टाबर खेले ना गूंजे,
हंसी किलकारी रे,
छायो अंधेरो रे,
छायो अंधेरो रे,
छायो अंधेरो रे,
दिन रात गुजारे,
आख्यां का पट खोल सांवरा,
क्यों तरसावे है।।

‘कौशिक’ की गलती श्याम,
मन में ल्यायो जी,
बनके दयालु देवा,
दया दिखलाओ जी,
विपदा ने टालो जी,
संकट ने टालो जी,
लीले चढ़ आओ जी,
हारे के सहारे,
astrobabaonline Lyrics,
आख्यां का पट खोल सांवरा,
क्यों तरसावे है।।

आख्यां का पट खोल सांवरा,
क्यों तरसावे है,
भगत दुखारी रे,
भगत दुखारी रे,
भगत दुखारी रे,
थारी बाट निहारे,
आख्यां का पट खोल सांवरा,
क्यों तरसावे है।।

Singer – Devank Shukla}]

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