जय जगदंबे माई गायत्री मैया की आरती | gayatri mata aarti lyrics

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जय जगदंबे माई,
मैया जय जगदम्बे माई,
भक्त खडे तेरे द्वार मां,
संत खड़े तेरे द्वारे मां,
कर सब सुख दाई,
ओम जय जगदम्बे माई।।

मंगल पूजा करू मैं तुम्हारी,
मैया तेल सिंदूर नीको,
पुष्प प्रसाद चढ़ाऊ मां,
दिपक घर घी को,
ओम जय जगदम्बे माई।।

बुद्ध वर दो मोरी माता,
विद्धया की दाता,
दध अक्षर को टारो माँ,
ये ही मैं चाहता,
ओम जय जगदम्बे माई।।

गुरु गुण गांवू हूं मैं तेरा,
सुण जगदम्बे माई,
वेद पुराण मंगाई मां,
संतन सुख दाई,
ओम जय जगदम्बे माई।।

सूकर सरुणा करुणा,
मैं लीनयो तेरो,
पल में संकट काटो माँ,
सुन जननी मेरो,
ओम जय जगदम्बे माई।।

शनी को सुमिरन करके मैं,
चरणों में सर नाउँ,
चिंता मेटो मन की,
मनवांछित फल पाऊं,
ओम जय जगदम्बे माई।।

अदित अंबे नकर विल्मब्बे मां,
कारज सब सारो,
अबकी बार उबारो माँ,
भवसागर तारो,
ओम जय जगदम्बे माई।।

सोम को सुमिरन करता,
जय जगदंबे माई,
मन वांछित फल देवो,
जावे दुखदाई,
ओम जय जगदम्बे माई।।

गायत्री मैया जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी,
मनवांछित फल पावे,
ओम जय जगदम्बे माई।।

जय जगदंबे माई,
मैया जय जगदम्बे माई,
भक्त खडे तेरे द्वार मां,
संत खड़े तेरे द्वारे मां,
कर सब सुख दाई,
ओम जय जगदम्बे माई।।

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