आशुतोष शशाँक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा।।
निर्विकार ओमकार अविनाशी,
तुम्ही देवाधि देव,
जगत सर्जक प्रलय करता,
शिवम सत्यम सुंदरा।।
निरंकार स्वरूप कालेश्वर,
महा योगीश्वरा,
दयानिधि दानिश्वरा जय,
जटाधर अभयंकरा।।
शूल पाणी त्रिशूल धारी,
औगड़ी बाघम्बरी,
जय महेश त्रिलोचनाय,
विश्वनाथ विशम्भरा।।
नाथ नागेश्वर हरो हर,
पाप शाप अभिशाप तम,
महादेव महान भोले,
सदाशिव शिव शंकरा।।
जगत पति अनुरक्ति भक्ति,
सदैव तेरे चरण हो,
क्षमा हो अपराध सब जय,
जय जयति जगदीश्वरा।।
जनम जीवन जगत का,
संताप ताप मिटे सभी,
ओम नमः शिवाय मन,
जपता रहे पञ्चाक्षरा।।
आशुतोष शशाँक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा।।
स्वर – सोनू निगम।
– ये भी देखे –
१. लिंगाष्टकम स्त्रोतम लिरिक्स।
(ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं)
२. शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स।
(जटाटवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले)