ये संयम सुमेरू का भार है जैन भजन लिरिक्स | ye sanyam sumeru ka bhar hai lyrics

Join us for Latest Bhajan Lyrics Join Now

जरा सोच लो समझ लो भैया,
ये संयम सुमेरू का भार है,
यूँ कठिन व्रतों का पालना,
बच्चो का नही खिलवाड़ है।।

तर्ज – जरा सामने तो आओ।

कोस हजारों पैदल चलना,
हाथों से लोचन करना,
लेने को निर्दोष आहार ग्रहण,
ग्रहण को घर घर फिरना,
साधू बनने में कष्ट अपार है,
कहो आत्मा तुम्हारी तैयार है,
यूँ कठिन व्रतों का पालना,
बच्चो का नही खिलवाड़ है।।

कभी पैर में छाले होगें,
कभी पैर छिल जायेंगे,
गर्मी और सर्दी के मारे,
कष्ट सामने आयेंगे,
साधू बनने में कष्ट अपार है,
कहो आत्मा तुम्हारी तैयार है,
यूँ कठिन व्रतों का पालना,
बच्चो का नही खिलवाड़ है।।

जरा सोच लो समझ लो भैया,
ये संयम सुमेरू का भार है,
यूँ कठिन व्रतों का पालना,
बच्चो का नही खिलवाड़ है।।

Singer – Ansh Jain
8357884815

Leave a Comment