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ओढ़ के नाचूंगी,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूंगी,
आई जगराते की रात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूंगी।bd।
तर्ज – वृन्दावन जाउंगी सखी।
कलश धराया है अँगने में,
चौक पुराया है,
मेरी माँ का है नवरात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूंगी,
आयी जगराते की रात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूंगी।bd।
लाल चुनरिया लाइ हूँ,
पंडाल सजाया है,
भक्ति में किया करामात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूंगी,
आयी जगराते की रात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूंगी।bd।
लाज का बंधन तोड़ दिया,
ममता की छाव में,
हुई खुशियों की बरसात,
मैं घूँघट ओढ़ के नाचूंगी,
आयी जगराते की रात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूंगी।bd।
ओढ़ के नाचूंगी,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूंगी,
आई जगराते की रात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूंगी।bd।
Singer – Dimpal Bhumi