बजरंग सा भक्त नहीं कोई अवधबिहारी का भजन लिरिक्स | bajrang sa bhakt nahi koi awadhbihari ka lyrics

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हर युग में बजे डंका,
शिव के अवतारी का,
बजरंग सा भक्त नहीं,
कोई अवधबिहारी का।।

तर्ज – वृन्दावन में हुकुम चले।

राम मेरे अंग अंग में,
राम मेरे रोम रोम में,
सिया की झांकी झांके,
राम के संग संग में,
सिया पिया ने मर्म लिया,
देखो ब्रम्हचारी का,
बजरंग से भक्त नही,
कोई अवधबिहारी का।।

बुध्दि बल ज्ञान के सागर,
सुयश तिहु लोक उजागर,
बलों में बिपुल बली है,
भरे गागर में सागर,
ऊंचा नाम किया जग में,
वानर बिरादरी का,
बजरंग से भक्त नही,
कोई अवधबिहारी का।।

राम पद पंकज पाए,
राम के भजन सुहाए,
अंजनी पवन केशरी,
वो शंकर सुवन कहाये,
सब देवो में पाया,
नाम सरदारी का,
बजरंग से भक्त नही,
कोई अवधबिहारी का।।

हर युग में बजे डंका,
शिव के अवतारी का,
बजरंग सा भक्त नहीं,
कोई अवधबिहारी का।।

प्रेषक – दीपक आरदी।
9131010004

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