तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना भजन लिरिक्स | teri meharbani ka hai bojh itna lyrics in hindi

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तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना,
जिसे मैं उठाने के काबिल नही हूँ,
मैं आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ,
तेरे दर पे आने के काबिल नही हूँ,
तेरी मेंहरबानी का है बोझ इतना।।

तर्ज – तुम्ही मेरे मंदिर।

जमाने की चाहत ने मुझको मिटाया,
तेरा नाम हरगिज़ जुबा पे ना आया,
तेरा नाम हरगिज़ जुबा पे ना आया,
गुनहगार हूँ मैं खतावार हूँ मैं,
तुम्हे मुंह दिखने के काबिल नही हूँ,
तेरी मेंहरबानी का है बोझ इतना।।

ये माना तुम हो दाता सारे जहान के,
मगर कैसे फैलाऊं झोली मैं आके,
मगर कैसे फैलाऊं झोली मैं आके,
जो पहले दिया है वही कम नही है,
उसी को निभाने के काबिल नही हूँ,
तेरी मेंहरबानी का है बोझ इतना।।

तुमने अदा की मुझे जिंदगानी,
महिमा तेरी मैंने फिर भी ना जानी,
महिमा तेरी मैंने फिर भी ना जानी,
कर्जदार तेरी दया का हूँ इतना,
कि कर्जा चुकाने के काबिल नही हूँ,
तेरी मेंहरबानी का है बोझ इतना।।

जी चाहता है दर पे सिर को झुका लूँ,
तेरा दर्श एक बार जी भर के पा लूँ,
तेरा दर्श एक बार जी भर के पा लूँ,
सिवा दिल के टुकड़ो के ओ मेरे दाता,
मैं कुछ भी चढ़ाने के काबिल नही हूँ,
तेरी मेंहरबानी का है बोझ इतना।।

तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना,
जिसे मैं उठाने के काबिल नही हूँ,
मैं आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ,
तेरे दर पे आने के काबिल नही हूँ,
तेरी मेंहरबानी का है बोझ इतना।।

स्वर – श्री रामकमल वेदांत जी।

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