तेरे सीने में बसे रघुराई बजरंगी तेरा क्या कहना लिरिक्स | tere sine me base raghurai bajrangi tera kya kehna lyrics

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तेरे सीने में बसे रघुराई,

तर्ज – तुझे याद ना मेरी आई।

दोहा – बजरंगी मेरे भक्त तेरे,
दर पे जो भी आए,
तेरी कृपा से देवा,
वो तो एक दिन,
भव से भी तर जाए वो तार जाए।

तेरे सीने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना,
तूने सोने की लंका जलाई,
तूने सोने की लंका जलाई,
बजरंगी तेरा क्या कहना,
अग्नि हनुमत धारा बुझाई,
ओ देवा तेरा क्या कहना,
तूने सोने की लंका जलाई,
तूने सोने की लंका जलाई,
बजरंगी तेरा क्या कहना,
तेरे सिने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।।

बाण लगा लक्ष्मण को,
संजीवनी तुम लाए,
सेवा से अपनी हनुमत,
रामा को तुम रिझाए,
प्रभु भक्ति तुमने निभाई,
प्रभु भक्ति तुमने निभाई,
बजरंगी तेरा क्या कहना,
तेरे सिने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।।

अशोक वाटिका जाकर,
सीता जी से मिल आए,
राम जी की अंगूठी लेके,
सिया माँ तक पहुंचाए,
सिया माँ की दया तूने पाई,
बजरंगी तेरा क्या कहना,
तेरे सिने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।।

मैंने तुझे है पूजा,
भाये ना कोई दुजा,
सारे धाम घूम हम आये
हनुमान धारा मन भाये,
तेरी मूरत मन में बसाई,
बजरंगी तेरा क्या कहना,
तेरे सिने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।।

तेरे सीने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना,
तूने सोने की लंका जलाई,
तूने सोने की लंका जलाई,
बजरंगी तेरा क्या कहना,
अग्नि हनुमत धारा बुझाई,
ओ देवा तेरा क्या कहना,
तूने सोने की लंका जलाई,
तूने सोने की लंका जलाई,
बजरंगी तेरा क्या कहना,
तेरे सिने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।।

प्रेषक – रघुराज पांडे।

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