जय शंकर कैलाशपति शिव भजन लिरिक्स | jai shankar kailashpati shiv lyrics

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जय शंकर कैलाशपति शिव,
पूरण ब्रम्‍ह सदा अविनाशी,
पूरण ब्रम्‍ह सदा अविनाशी,
जय शंकर कैलाश पति शिव।।

अंग विभूति गले मुंडमाला,
अंग विभूति गले मुंडमाला,
शीश जटा जल गंग बिलासी,
जय शंकर कैलाश पति शिव।।

चंद्रकला मस्तक पर सोहे,
चंद्रकला मस्तक पर सोहे,
तीन नयन त्रैलोक्य विकाशी,
जय शंकर कैलाश पति शिव।।

कर त्रिशूल पहरे मृग छाला,
कर त्रिशूल पहरे मृग छाला,
संग बसे गिरिजा नित दासी,
जय शंकर कैलाश पति शिव।।

‘ब्रम्‍हानंद’ करो करुणा प्रभु,
‘ब्रम्‍हानंद’ करो करुणा प्रभु,
भव भंजन भक्तन सुखराशी,
जय शंकर कैलाश पति शिव।।

जय शंकर कैलाशपति शिव,
पूरण ब्रम्‍ह सदा अविनाशी,
पूरण ब्रम्‍ह सदा अविनाशी,
जय शंकर कैलाश पति शिव।।

Singer & Composition – Dhiraj Kant
Lyrics – Brahmanand Ji

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