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आज नहीं तो कल राम मिलेंगे,
मेरा ये ही दावा है,
तेरे सब दुख दर्द मिटेंगे,
ये भी मेरा दावा है।।
तर्ज – तेरा हर अंदाज सितमगर।
जिस ने पाई शरण प्रभु की,
उस को कौन सतायेगा,
जिसकी डोर संभाली उसने,
कैसे धोका खायेगा,
वो तेरी पतवार बनेंगे,
ये भी मेरा दावा है,
आज नही तो कल राम मिलेंगे,
मेरा ये ही दावा है,
तेरे सब दुख दर्द मिटेंगे,
ये भी मेरा दावा है।।
ध्रुव प्रहलाद भक्त शबरी ने,
हरी से लगन लगाई थी,
कलयुग में वृषभान दुलारी,
मीरा बनकर आई थी,
सुबह नहीं तो शाम मिलेंगे,
ये भी मेरा दावा है,
आज नही तो कल राम मिलेंगे,
मेरा ये ही दावा है,
तेरे सब दुख दर्द मिटेंगे,
ये भी मेरा दावा है।।
आज नहीं तो कल राम मिलेंगे,
मेरा ये ही दावा है,
तेरे सब दुख दर्द मिटेंगे,
ये भी मेरा दावा है।।
गायक – श्री चंद्रभूषण पाठक(बुन्देली गौरव)।
प्रेषक – दुर्गा प्रसाद पटेल
9713315873