खोली है सांवरे ने खिड़की नसीब की | kholi hai sanware ne khidki naseeb ki

Join us for Latest Bhajan Lyrics Join Now

खोली है सांवरे ने,
खिड़की नसीब की,
बिन मांगे भर गई है,
झोली गरीब की,
खोली है साँवरे ने,
खिड़की नसीब की।।

तर्ज – मिलती है जिंदगी में।

जो कुछ भी मेरे पास है,
मेरे श्याम की दया है,
बिन साँवरे के मेरी,
औकात बोलो क्या है,
किस्मत बना दी श्याम ने,
मुझ बदनसीब की,
खोली है साँवरे ने,
खिड़की नसीब की।।

कैसे करिश्मे जीवन में,
मेरे श्याम कर रहे है,
मेरी नाव की हिफाजत,
तूफ़ान कर रहे है,
मद्धम हुई ना ज्योति,
श्रद्धा के दीप की,
खोली है साँवरे ने,
खिड़की नसीब की।।

मैं जो बात कह रहा,
कोई आजमा के देख ले,
मैं हूँ शरण में श्याम की,
जग ये हरा के देख ले,
पहचान साँवरे से,
अब है करीब की,
खोली है साँवरे ने,
खिड़की नसीब की।।

खोली है सांवरे ने,
खिड़की नसीब की,
बिन मांगे भर गई है,
झोली गरीब की,
खोली है साँवरे ने,
खिड़की नसीब की।।

गायक – सरदार रोमी जी।}]

Leave a Comment