नजरे दया की मेरे श्याम खोलो | nazrein daya ki mere shyam kholo

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नजरे दया की मेरे श्याम खोलो,
नज़रें दया की मेरे श्याम खोलो,
मेरे हक़ में बाबा,
मेरे हक़ में बाबा,
इक बार बोलो।।

तेरा ही था मैं तेरा ही रहूँगा,
जो कुछ कहूँगा तुमसे कहूँगा,
दुनिया के ताने अब ना सहूँगा,
जो कुछ कहूँगा तुमसे कहूँगा,
मेरे सब्र को बाबा,
इतना ना तोलो,
मेरे हक़ में बाबा,
इक बार बोलो।।

मेरे हाल पे बाबा हंसती है दुनिया,
सच मैं कहूँ तो बरसती है दुनिया,
सेवक पे ताने कसती है दुनिया,
सच मैं कहूँ तो बरसती है दुनिया,
कृपा करके तुम तो मेरे,
संग में हो लो,
मेरे हक़ में बाबा,
इक बार बोलो।।

बिन तेरे अपना नहीं है गुज़ारा,
बड़ी ही उम्मीदों से तुमको पुकारा,
तेरा ये सेवक क्यों फिरे मारा मारा,
बड़ी ही उम्मीदों से तुमको पुकारा,
बिखर मैं रहाँ हूँ,
तनिक तो संजोलो,
मेरे हक़ में बाबा,
इक बार बोलो।।

हुई भूल कोई उसे तुम भुलादो,
उँगली पकड़ मेरी रस्ता दिखा दो,
‘रोमी’ को चरणों में अपने जगह दो,
उँगली पकड़ मेरी रस्ता दिखा दो,
भक्ति का रस मेरे,
जीवन में घोलों,
मेरे हक़ में बाबा,
इक बार बोलो।।

नजरे दया की मेरे श्याम खोलो,
नज़रें दया की मेरे श्याम खोलो,
मेरे हक़ में बाबा,
मेरे हक़ में बाबा,
इक बार बोलो।।

Singer / Lyrics – Sardar Romi Ji}]

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