जी कर रहा है आप पे ये जान वार दूँ | ji kar raha hai aap pe ye jaan vaar dun

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जी कर रहा है आप पे,
ये जान वार दूँ,
दो आँखों से मैं आपको,
दो आँखों से मैं आपको,
कितना निहार लूँ,
जी कर रहा हैं आपपे,
ये जान वार दूँ।bd।

बैठे हो आप सामने,
कैसे नज़र झुके,
तारीफ़ आपकी लब पे,
रोके भी ना रुके,
इक टक रहूं निहारता,
इक टक रहूं निहारता,
सदियां गुजार दूँ,
जी कर रहा हैं आपपे,
ये जान वार दूँ।bd।

मैं कैसे कह दूँ आपको,
उस चाँद सा हंसी,
वो आपसे ही मांगता,
खुद अपनी चांदनी,
उस चाँद को ही तोड़कर,
उस चाँद को ही तोड़कर,
चरणों में डाल दूँ,
जी कर रहा हैं आपपे,
ये जान वार दूँ।bd।

बागों के फूल सांवरे,
क्या खुशनसीब है,
रहते सदा जो आपके,
इतने करीब है,
जो बस चले तो फूलों की,
जो बस चले तो फूलों की,
किस्मत उधार लूँ,
जी कर रहा हैं आपपे,
ये जान वार दूँ।bd।

बुझते हुए चिराग में,
फिर जान आ गई,
‘सोनू’ के चेहरे पर प्रभु,
मुस्कान आ गई,
तुमको ही देख देख कर,
तुमको ही देख देख कर,
खुद को संवार लूँ,
जी कर रहा हैं आपपे,
ये जान वार दूँ।bd।

जी कर रहा है आप पे,
ये जान वार दूँ,
दो आँखों से मैं आपको,
दो आँखों से मैं आपको,
कितना निहार लूँ,
जी कर रहा हैं आपपे,
ये जान वार दूँ।bd।

स्वर – शुभम रूपम जी।भजन के लिए वाद्ययंत्र}]

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