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फैसला दरबार का,
सांवले सरकार का,
मंजूर है मंजूर है,
मंजूर है मंजूर है।।
हमने देखी तेरी अदालत,
चलती नहीं किसी की वकालत,
ये है दर इन्साफ का,
जो हुकुम हो आपका,
मंजूर है मंजूर है,
मंजूर है मंजूर है।।
अपनी तो है अर्जी बाबा,
आगे तेरी मर्जी बाबा,
काम नहीं तकरार का,
हमको रिश्ता प्यार का,
मंजूर है मंजूर है,
मंजूर है मंजूर है।।
बनवारी और कुछ ना कहना,
हमको तेरी शरण में रहना,
मैं हूं सेवक आप का,
जो हुकुम माई बाप का,
मंजूर है मंजूर है,
मंजूर है मंजूर है।।
फैसला दरबार का,
सांवले सरकार का,
मंजूर है मंजूर है,
मंजूर है मंजूर है।।
Voice – Raj Pareek Ji}]