बरसो से छुपी जो इस दिल में वो बात मुझे भी कहने दो लिरिक्स | barso se chupi jo is dil me vo baat mujhe bhi kahne do lyrics

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बरसो से छुपी जो इस दिल में,
वो बात मुझे भी कहने दो,
सब देख लिए सुख दुनिया के,
अब चरणों की छाँव में रहने दो,
बरसों से छुपी जो इस दिल में।।

तर्ज – एहसान तेरा होगा मुझ पर।

डूब रहा था भव सागर में,
हाथ पकड़ के तुमने बचाया,
अब श्याम नाम की गंगा में,
मन बहता है तो बहने दो,
सब देख लिए सुख दुनिया के,
अब चरणों की छाँव में रहने दो,
बरसों से छुपी जो इस दिल में।।

सपनों में जो घर थे बनाए,
आँख खुली तो कुछ भी नहीं था,
ऐसे महलों का क्या मतलब,
ये ढहते है तो ढहने दो,
सब देख लिए सुख दुनिया के,
अब चरणों की छाँव में रहने दो,
बरसों से छुपी जो इस दिल में।।

हाथ छुड़ाकर दूर गए जो,
अब उनसे उम्मीद करूँ क्या,
पग पग मेरे जो साथ रहा,
उस श्याम की बाहें गहने दो,
सब देख लिए सुख दुनिया के,
अब चरणों की छाँव में रहने दो,
बरसों से छुपी जो इस दिल में।।

बरसो से छुपी जो इस दिल में,
वो बात मुझे भी कहने दो,
सब देख लिए सुख दुनिया के,
अब चरणों की छाँव में रहने दो,
बरसों से छुपी जो इस दिल में।।

स्वर – पन्ना लख्खा गिल।
प्रेषक – निलेश मदन लालजी खंडेलवाल।
धामनगांव रेलवे – 9765438728}]

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