तेरे एहसानों को कैसे मैं भुलाऊँगा भजन लिरिक्स | tere ahsano ka kaise main bhulaunga lyrics

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तेरे एहसानों को,
कैसे मैं भुलाऊँगा,
जब तक साँस चले,
महिमा तेरी गाऊँगा।।

तर्ज – आदमी मुसाफिर है।

ना जाने कितने,
उपकार तेरे,
संकट से लड़ता,
हर पल तू मेरे,
बिन तेरे ना मैं,
चल पाऊँगा,
तेरे एहसानो को,
कैसे मैं भुलाऊँगा,
जब तक साँस चले,
महिमा तेरी गाऊँगा।।

अँधियारा रस्ता,
लम्बा सफर है,
जब साथ तेरा,
फिर कैसा डर है,
छोड़ना ना हाथ,
बाबा गिर जाऊँगा,
तेरे एहसानो को,
कैसे मैं भुलाऊँगा,
जब तक साँस चले,
महिमा तेरी गाऊँगा।।

इज़्ज़त मिली मिला,
सम्मान कितना,
तूने किया कौन,
करता है इतना,
‘रूबी रिधम’ संग,
दर आऊँगा,
तेरे एहसानो को,
कैसे मैं भुलाऊँगा,
जब तक साँस चले,
महिमा तेरी गाऊँगा।।

तेरे एहसानों को,
कैसे मैं भुलाऊँगा,
जब तक साँस चले,
महिमा तेरी गाऊँगा।।

Writer / Upload – Ruby Garg (Ruby Ridham)
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