तुम्ही मेरी नैया तुम्ही हो खिवैया,
सम्भालो कन्हैया सम्भालो कन्हैया,
डूब रहा हूँ देखो जग के रचैया,
सम्भालो कन्हैया सम्भालो कन्हैया।।
तर्ज – तुम्ही मेरे मंदिर।
क्या मैं बताऊँ क्या मैं दिखाऊं,
आँखों का नीर कान्हा कैसे छुपाऊं,
दुःख की चली रे कान्हा कैसी पुरवैया,
सम्भालो कन्हैया सम्भालो कन्हैया।।
घिर गए आज देखो बादल काले काले,
टूट रही हैं सांसें ओ मुरली वाले,
कल क्या करोगे आके बंसी बजैया,
सम्भालो कन्हैया सम्भालो कन्हैया।।
इतना तो कह दे कि मैं तेरा विश्वास हूँ,
क्यों घबराता पगले तेरे आस पास हूँ,
‘केशव’ भरोसे तेरे पकड़ो ये बैयां,
सम्भालो कन्हैया सम्भालो कन्हैया।।
तुम्ही मेरी नैया तुम्ही हो खिवैया,
सम्भालो कन्हैया सम्भालो कन्हैया,
डूब रहा हूँ देखो जग के रचैया,
सम्भालो कन्हैया सम्भालो कन्हैया।।
लेखक / प्रेषक – मनीष शर्मा “मोनु”।
जोरहाट (आसाम) 9854429898
Singer – Neelkant Modi & Ruma Sharma}]