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ओ बाबा श्याम,
पलका थारी खोलो जी,
इक बार मुखड़े से बोलो जी,
इक बार मुखड़े से बोलो जी,
ओं बाबा श्याम,
पलका थारी खोलो जी।।
तर्ज – झूम जाता है मेरा दिल।
भगत दुखी थाने नींदड़ली आवे,
भक्ता रा भिणी थाने गाँव बतावे,
शरण तिहारी पलका खोलो जी,
ओं बाबा श्याम,
पलका थारी खोलो जी।।
देर करा पथ थारी भी जासी,
दीनानाथ दुनिया हासी उडासी,
काई छ विचार कुछ तो बोलो जी,
ओं बाबा श्याम,
पलका थारी खोलो जी।।
लाज बचाने वाले लाज बचाले,
पीछो ना छोड़ूँ चाहे कितनो सताले,
सेवक टाबर थारो भोलो जी,
ओं बाबा श्याम,
पलका थारी खोलो जी।।
आलूसिंह जी ने श्रृंगार सजावे,
केसर चन्दन थारे इतर चढ़ावे,
हिवड़े में अमृत घोलो जी,
ओं बाबा श्याम,
पलका थारी खोलो जी।।
ओ बाबा श्याम,
पलका थारी खोलो जी,
इक बार मुखड़े से बोलो जी,
इक बार मुखड़े से बोलो जी,
ओं बाबा श्याम,
पलका थारी खोलो जी।।
Singer – Shyam Singh Ji Chouhan}]