ये महर की नजर,
हम भक्तो पर,
हे भैरव देव तुम्हारी है,
ये धरती गगन,
झूमे दर पे पवन,
देखो महक रही फुलवारी है।।
तर्ज – ये चमक ये दमक।
है रोम रोम हर साँस में तू,
है भक्तों के विश्वास में तू,
जहाँ देखु वहाँ बस तू ही तू,
हर दिल मे ये छवि तुम्हारी है,
ये मेहर की नज़र,
हम भक्तो पर,
हे भैरव देव तुम्हारी है।।
जिसने भी तेरा ये नाम लिया,
तुमने उसका हर काम किया,
गिरने न दिया तूने थाम लिया,
किस्मत ये तुमने सँवारी है,
ये मेहर की नज़र,
हम भक्तो पर,
हे भैरव देव तुम्हारी है।।
आये है शरण दादा हम तोरी,
तुमने जो पकड़ खीची डोरी,
हुए धन्य नयन मन हुआ है मगन,
देखी जो मूरत तूम्हारी है,
ये मेहर की नज़र,
हम भक्तो पर,
हे भैरव देव तुम्हारी है।।
बस ऐसी कृपा करते रहना,
‘दिलबर’ ‘किशन’ का ये कहना,
भैरव देव मिले हर जन्म मिले,
बस इतनी सी अर्ज हमारी है,
ये मेहर की नज़र,
हम भक्तो पर,
हे भैरव देव तुम्हारी है।।
ये महर की नजर,
हम भक्तो पर,
हे भैरव देव तुम्हारी है,
ये धरती गगन,
झूमे दर पे पवन,
देखो महक रही फुलवारी है।।
गायक – किशन गोयल बालोतरा।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365