विपदा टली सारी विपदा टली,
जबसे थामा तूने हाथ,
श्याम विपदा टली।।
तर्ज – बिलोरी बिन चटनी।
हार गया था पतझड़ सा था जीवन,
तेरी कृपा से महका मन का ये उपवन,
बिगड़ी बनी मेरी बिगड़ी बनी,
आके दर सर झुकाया,
श्याम बिगड़ी बनी,
जबसे थामा तूने हाथ,
श्याम विपदा टली।।
तुझसा दयालू ना देव कोई दूजा,
कलयुग में होती,
मेरे श्याम तेरी पूजा,
ज्योत जगी तेरी ज्योत जगी,
फैला भक्ति का उजाला,
ऐसी ज्योत जगी,
जबसे थामा तूने हाथ,
श्याम विपदा टली।।
परवाह नही चाहे भंवर हो नैय्या,
तू रहता हमेशा मेरे साथ कन्हैया,
पार लगी देखो पार लगी,
मझधार फँसी नैय्या,
मेरी पार लगी,
जबसे थामा तूने हाथ,
श्याम विपदा टली।।
‘रूबी रिधम’ को मिली जबसे तेरी भक्ति,
संकटो से लड़ने की आ गई है शक्ति,
कृपा करी तूने कृपा करी,
अपनी शरण में लेके,
श्याम कृपा करी,
जबसे थामा तूने हाथ,
श्याम विपदा टली।।
विपदा टली सारी विपदा टली,
जबसे थामा तूने हाथ,
श्याम विपदा टली।।