दीवाने श्याम आये है,
मिलन की आस लाये है,
महफिल सजाएंगे,
झूमेंगे गाएंगे ना होश में आएंगे,
तेरे द्वार पे नाचेंगे,
तेरे दरबार में नाचेंगे।।
तर्ज – तेरे इश्क में नाचेंगे।
महफिल में तेरी है होता यही,
जो कुछ भी मांगो है मिलता वही ,
दिल तेरा दरिया है डूबेंगे हम,
आंसू से अपने ये भर देंगे हम,
आंसू छलकाएंगे तुम्हे भेंट चढ़ायेंगे,
हम खुशियां मनाएंगे ,
तेरे द्वार पे नाचेगे,
तेरे दरबार में नाचेंगे।।
मिलने की तुमसे उमंग जागी है ,
दिल में तेरी ही लगन लागी है,
प्रेम हमारा तू पहचान ले,
दिल भी है तुझपे ही कुर्बान ये,
तुझे याद करे हर पल,
ना भूल पाएंगे ये रिश्ता निभाएंगे,
तेरे द्वार पे नाचेगे,
तेरे दरबार में नाचेंगे।।
श्याम सखी तेरी नगरी में हम,
घूम लिए खाली गगरी में हम,
भर दोगे प्रेम से विश्वाश है,
दिल को तो प्रेम की ही प्यास है,
‘काली शर्मा’ के हम,
तुम्हे भजन सुनाएंगे,
तुमको भी नचाएंगे,
तेरे द्वार पे नाचेगे,
तेरे दरबार में नाचेंगे।।
दीवाने श्याम आये है,
मिलन की आस लाये है,
महफिल सजाएंगे,
झूमेंगे गाएंगे ना होश में आएंगे,
तेरे द्वार पे नाचेंगे,
तेरे दरबार में नाचेंगे।।
Singer – Gauri Sakshi