राधिका प्रेम भक्ति रस आली,
दोहा – उस भूमि को कौन बखान सके,
जिस भूमि पे खेली है भानु दुलारी,
ऋषि योगी तपस्वी और सिद्ध,
नहीं जान सके सो गए मतिहारी।
शेष महेश दिनेश गणेश,
सब त्याग के मान गए बलिहारी,
जहाँ रास रचावत देखे सदा,
अलबेली लली और टेढ़े बिहारी।
अलबेली सरकार है जिसकी,
हर एक बात निराली,
राधिका प्रेम भक्ति रस आली।bd।
तर्ज – कन्हैया ले चल परली पार।
इस जीवन का सार है राधा,
इस जीवन का सार है राधा,
मनमोहन का प्यार है राधा,
मनमोहन का प्यार है राधा,
जिसको शरण लगाए उसकी,
श्याम करे रखवाली,
राधिका प्रेम भक्ति रस आली।bd।
राधे राधे जिसको भाए,
राधे राधे जिसको भाए,
लोहा भी कंचन बन जाए,
लोहा भी कंचन बन जाए,
जो ध्याए उसके घर मनती,
बारहों मास दिवाली,
राधिका प्रेम भक्ति रस आली।bd।
मन भवरा जो कुसुम कली का,
मन भवरा जो कुसुम कली का,
‘किशनदास’ वृषभानु लली का,
‘किशनदास’ वृषभानु लली का,
रसिक रसीली सदा भगत का,
मान बढ़ाने वाली,
राधिका प्रेम भक्ति रस आली।bd।
अलबेली सरकार है जिसकी,
हर एक बात निराली,
राधिका प्रेम भक्ति रस आली,
राधिका प्रेम भक्ति रस आली।bd।
Singer – Surbhi Chaturvedi