पर्वत के पीछे बरसाना गांव,
गांव में किशोरी रहती है,
लाड़ली किशोरी जु का,
राधे रानी नाम,
ऐसा ब्रजवासी कहते है,
गांव में किशोरी रहती है।bd।
तर्ज – परबत के पीछे।
राधे राधे नाम जपे जो,
भव से तर जाए,
जीवन अपना सफल बना के,
पावन हो जाए,
राधे जी के नाम की रटना,
जो भी रट जाए,
वो ही जाएगा राधे के धाम,
ऐसा ब्रजवासी कहती है,
गांव में किशोरी रहती है।bd।
इस श्यामा के दर्शन में भी,
श्याम नज़र आए,
कैसी सुन्दर जोड़ी देखो,
मन को ललचाए,
मोहनी मूरत सांवली सूरत,
मन में बस जाए,
यही आएँगे प्यारे तेरे काम,
दुनिया तो कुछ भी कहती है,
गांव में किशोरी रहती है।bd।
राधे जी में श्याम बसे है,
श्याम में है राधा,
राधा के बिन श्याम अधूरा,
आधी है राधा,
राधेश्याम नाम जब होता,
दोनों मिल जाए,
चरण विशेष इनके धोए ‘दिनेश’,
भजनों में खोए रहते है,
गांव में किशोरी रहती है।bd।
पर्वत के पीछे बरसाना गांव,
गांव में किशोरी रहती है,
लाड़ली किशोरी जु का,
राधे रानी नाम,
ऐसा ब्रजवासी कहते है,
गांव में किशोरी रहती है।bd।
स्वर / रचना – दिनेश जी भट्ट।