मोरे सबरे बना रई काम शारदा मैहर की | more sabre bana rahi kaam sharda maihar ki

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मोरे सबरे बना रई काम,
शारदा मैहर की,
मोरे बिगड़े बना रई काम,
शारदा मैहर की।।

मेघ दया के पल पल बरसे,
पूरन भई जीखों हम तरसे,
देश देशन करा रई नाम,
शारदा मैहर की।।

तुम ना रूठो चाहे सब जग रूठे,
द्वार दया को कबहु ना छूटे,
स्वीकारो मोरे प्रणाम,
शारदा मैहर की।।

त्राहिमाम हौं शरण तुम्हारी,
मैं सेवक समेत सुत नारी,
चरण सेवा में रख लइए धाम,
शारदा मैहर की।।

जय जय गिरिवर राज किशोरी,
जय महेश मुख चंद्र चकोरी,
पाप हर लइए मोरे तमाम,
शारदा मैहर की।।

मोरे सबरे बना रई काम,
शारदा मैहर की,
मोरे बिगड़े बना रई काम,
शारदा मैहर की।।

स्वर – रामकिशोर मुखिया यादव।
(बुन्देली भजन सम्राट)

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