मंदिर में आ पुण्य कमा जैन भजन लिरिक्स | mandir me aa puny kama lyrics

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मंदिर में आ पुण्य कमा,
जीवन को अपने,
सफल बना,
जीवन में तेरे न होगा तनाव,
मँदिर में आ, अर्घ चढ़ा,
कर ले भजन,
और अभिषेक,
पुण्यो से मिलता,
नर भव एक,
मँदिर मे आ पुण्य कमा,
जीवन को अपने,
सफल बना।।

तर्ज – जीना यहाँ मरना यहाँ।

ये मानव जन्म जैन धरम,
अब तू न जाने कब पायेगा,
जिनवर को भज,
पापो को तज,
संसार सागर से तर जाएगा,
प्रभुजी की भक्ति में,
खुद को रमा,
जीवन को अपने,
सफल बना,
जीवन में तेरे न होगा तनाव,
मँदिर में आ, अर्घ चढ़ा,
कर ले भजन,
और अभिषेक,
पुण्यो से मिलता,
नर भव एक,
मँदिर मे आ पुण्य कमा,
जीवन को अपने,
सफल बना।।

जन्मो से था तेरा ये भाव,
शुभ कर्मों का ही था ये प्रभाव,
जिनवर को भज,
पापो को तज,
संसार सागर से तर जाएगा,
मँदिर मे आ पुण्य कमा,
जीवन को अपने,
सफल बना।।

मंदिर में आ पुण्य कमा.
जीवन को अपने,
सफल बना,
जीवन में तेरे न होगा तनाव,
मँदिर में आ, अर्घ चढ़ा,
कर ले भजन,
और अभिषेक,
पुण्यो से मिलता,
नर भव एक,
मँदिर मे आ पुण्य कमा,
जीवन को अपने,
सफल बना।।

– गायक व गीतकार –
दिनेश जैन एडवोकेट इंदौर।
Ph. 8370099099

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