मालिक हो तुम मेरे भूलूं ना आभार तेरा | malik ho tum mere bhulu na aabhar tera

Join us for Latest Bhajan Lyrics Join Now

मालिक हो तुम मेरे,
भूलूं ना आभार तेरा,
तुमसे ही जीवन है,
तुम ही आधार मेरा।।

तर्ज – जब बिन बोले मिलता।

मेरे शीश के दानी की,
हर बात निराली है,
हारे को जिताने की,
ये रीत पुरानी है,
जहां ज्योत जगे इनकी,
वहां श्याम बसे मेरा,
मालिक हों तुम मेरें,
भूलूं ना आभार तेरा।।

तुझसे उम्मीद मुझे,
तेरा ही सहारा है,
बिन तेरे जीवन में,
कोई ना हमारा है,
स्वारथ की दुनिया में,
तू हीं सच्चा यार मेरा,
मालिक हों तुम मेरें,
भूलूं ना आभार तेरा।।

खाटू ना बुलाते तो,
मैं निराश ही रह जाता,
सेवा में ना लेते गर,
ना पहचान बना पाता,
इस “अमन” को अपनाकर,
तूने सिर पर हाथ फेरा,
मालिक हों तुम मेरें,
भूलूं ना आभार तेरा।।

मालिक हो तुम मेरे,
भूलूं ना आभार तेरा,
तुमसे ही जीवन है,
तुम ही आधार मेरा।।

Leave a Comment