जबसे चढ़ा मैं तेरह सीढ़ियां,
बदल गई किस्मत मेरी,
चमत्कारी खाटु वाले है,
तेरह सीढ़िया ये तेरी,
चमत्कारी खाटु वाले है,
तेरह सीढ़िया ये तेरी।।
तर्ज – भला किसी का कर ना।
पाँव रखा पहली सीढ़ी पे,
चैन मिला दिल को मेरे,
दूसरी सीढ़ी चढ़ते ही,
टूट गए दुख के घेरे,
तीसरी सीढ़ी चढ़ते भर गई,
खुशियो से झोली मेरी,
चमत्कारी खाटु वाले है,
तेरह सीढ़िया ये तेरी,
चमत्कारी खाटु वाले है,
तेरह सीढ़िया ये तेरी।।
चौथी सीढ़ी चढ़ा मेरा दिल,
श्याम वन्दना गाने लगा,
पाँचवी सीढ़ी दर्श को तेरे,
मन मेरा ललचाने लगा,
छठवी सीढ़ी व्याकुलता में,
चढ़ गया कि नही देरी,
चमत्कारी खाटु वाले है,
तेरह सीढ़िया ये तेरी,
चमत्कारी खाटु वाले है,
तेरह सीढ़िया ये तेरी।।
सातवीं सीढ़ी चढ़ के निकट मैं,
श्याम प्रभु के आने लगा,
आठवीं सीढ़ी चढ़ते ही,
एक अजब नशा सा छाने लगा,
नोवी दसवीं सीढ़ी चढ़ा हुई,
प्रीत श्याम से और गहरी,
चमत्कारी खाटु वाले है,
तेरह सीढ़िया ये तेरी,
चमत्कारी खाटु वाले है,
तेरह सीढ़िया ये तेरी।।
ग्यारवी सीढ़ी चढ़ा नजारा,
दर का मेरे मन भाया,
बारहवीं सीढ़ी डाया चढ़के,
श्याम प्रभु दर्शन पाया,
चढ़ा जो तेरहवीं सीढ़ी ‘कुन्दन’,
हुई जिंदगी सुनहरी,
चमत्कारी खाटु वाले है,
तेरह सीढ़िया ये तेरी,
चमत्कारी खाटु वाले है,
तेरह सीढ़िया ये तेरी।।
जबसे चढ़ा मैं तेरह सीढ़ियां,
बदल गई किस्मत मेरी,
चमत्कारी खाटु वाले है,
तेरह सीढ़िया ये तेरी,
चमत्कारी खाटु वाले है,
तेरह सीढ़िया ये तेरी।।