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हरदम आवे थारी याद,
श्याम कीर्तन में।।
तर्ज – सज रहे भोले बाबा।
पीळी पगड़ी धोळो चोलो,
धोती चूनड़ वाळी,
श्याम भजन मं ठुमक-ठुमक,
लेता मस्ती मतवाळी,
करता था अैं सं सारी बात,
श्याम कीर्तन मं।।
बाळक बूढो नर और नारी,
सैं की बातां सुणता,
जो भी होतो बैं को संकट,
श्याम धणी सं कहता,
अैं की भी बिपदा काट,
श्याम कीर्तन मं।।
कोई-कोई अरदास इसी थी,
ताबे यो न आतो,
लाग्या रै’ता भजनां मांई,
जद तांई न सुणतो,
सुमीरण का था ठाट,
श्याम कीर्तन मं।।
भजनां री मस्ती बाबाजी,
जो थांरै संग लेली,
लाख चेष्टा करणै पर भी,
सुरतां फिरै अकेली,
मिलवाद्यो म्हारा तार,
श्याम कीर्तन मं।।
हरदम आवे थारी याद,
श्याम कीर्तन में।।
Singer – Sri Sajjan Ji Singhania, Kolkata