Join us for Latest Bhajan Lyrics
Join Now
एक बार दिल से गुरु के दर पे आइये,
अपने सारे ग़म-गुमान भूल जाइए।।
तू तो प्यारे कितना खुशनसीब है,
कुन्दकुन्द से तुझे है गुरु मिले,
गुरु के द्वय चरण में तू शरण बना,
तेरे मन मे ज्ञान दीप फिर जले,
छोड़ के मायूसियां बस मुस्कुराइए,
अपने सारे ग़म-गुमान भूल जाइए।।
छोड़ राग गुरु के संग चले चलो,
तुम भी मोक्ष-मार्ग के पथिक बनो,
गर अनंत सुख की जो है कामना,
एक वीतराग के रसिक बनो,
गुरु का हाथ थाम के बस चलते जाइये,
अपने सारे ग़म-गुमान भूल जाइए।।
एक बार दिल से गुरु के दर पे आइये,
अपने सारे ग़म-गुमान भूल जाइए।।