बाबा जी थारी मोरछड़ी लहराए खाटूश्यामजी आरती लिरिक्स | baba ji thari morchadi lahraye lyrics

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आरती हो रही है,
बाबा जी थारी,
मोरछड़ी लहराए।।

कौन उतारे बाबा तोरी रे आरती,
कुन थारे चँवर ढुलाई,
बाबा कुन चँवर ढुलाई,
आरती हो रही है,
बाबा जी तोरी,
मोरछड़ी लहराए।।

सेवक उतारे बाबा तोरी रे आरती,
प्रेमी चवँर ढुलाय,
बाबा के प्रेमी चवँर ढुलाय,
आरती हो रही है,
बाबा जी तोरी,
मोरछड़ी लहराए।।

काहे के पाटे बाबा जी बिराजे,
काहे के छत्र चढाए,
शीश पर काहे के छत्र चढाए,
आरती हो रही है,
बाबा जी तोरी,
मोरछड़ी लहराए।।

चाँदी के पाटे बाबा जी बिराजे,
सोने के छत्र चढाए,
शीश पर सोने के छत्र चढाए,
आरती हो रही है,
बाबा जी तोरी,
मोरछड़ी लहराए।।

काहे की थाली में भोग परोसा,
काहे को भोग लगायो,
बाबा के काहे को भोग लगायो,
आरती हो रही है,
बाबा जी तोरी,
मोरछड़ी लहराए।।

सोने की थाली में भोग परोसा,
चूरमा को भोग लगायो,
बाबा के चूरमा को भोग लगायो,
आरती हो रही है,
बाबा जी तोरी,
मोरछड़ी लहराए।।

नेति नेति सब वेद पुकारे,
महिमा वर्णी ना जाए,
बाबा की महिमा वर्णी ना जाए,
आरती हो रही है,
बाबा जी तोरी,
मोरछड़ी लहराए।।

‘व्यास हरि’ कर जोड़ विनय करें,
श्याम मेरे घर आये,
लीले पर श्याम मेरे घर आये,
आरती हो रही है,
बाबा जी तोरी,
मोरछड़ी लहराए।।

आरती हो रही है,
बाबा जी थारी,
मोरछड़ी लहराए।।

लेखक / गायक – महंत हरि भैया।
8819921122

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