आरती श्री हरि घट घट वासी श्री सच्चिदानंद सुखराशि लिरिक्स | aarti shri hari ghat ghat vasi lyrics

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आरती श्री हरि घट घट वासी,
श्री सच्चिदानंद सुखराशि।।

पुरुषोत्तम नारायण स्वामी,
करुणानिधि प्रभु अंतरयामी,
कमलापति श्री विष्णु नमामि,
मंगलमय बैकुंठ निवासी।।१।।
आरती श्री हर घट घट वासी,
श्री सच्चिदानंद सुखराशि।।

आरती राघव राम जानकी,
लखन भरत श्री हनुमान की,
लंकापति कपि पति सुजानकी,
रिपुसूदन अंगद बलराशि।।२।।
आरती श्री हर घट घट वासी,
श्री सच्चिदानंद सुखराशि।।

आरती राधा कृष्ण मुरारी,
नंद नंदन भक्तन हितकारी,
केशव वासुदेव बनवारी,
आरती कृष्ण चंद्र अविनाशी।।३।।
आरती श्री हर घट घट वासी,
श्री सच्चिदानंद सुखराशि।।

आरती गिरिजा शंकर प्यारे,
गणपति दुर्गा रवि शशि तारे,
सकल देव सब संत हमारे,
आरती सद्गुरू आनंदराशि।।४।।
आरती श्री हर घट घट वासी,
श्री सच्चिदानंद सुखराशि।।

आरती शारद नारद स्वामी,
काग भुषुंड गरुड़ सुखधामी,
व्यास आदि सब देव नमामि,
मंगल तुलसी मंगल राशि।।५।।
आरती श्री हर घट घट वासी,
श्री सच्चिदानंद सुखराशि।।

जो कोई हरि जी की आरती गावे,
सुख सम्पति आनंद घर आवे,
आरती सब देवन सुखकारी,
आरती अजर अमर अविनाशी।।६।।
आरती श्री हर घट घट वासी,
श्री सच्चिदानंद सुखराशि।।

आरती श्री हरि घट घट वासी,
श्री सच्चिदानंद सुखराशि।।

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