आरती मंगलकारी की पवनसुत अति बलधारी की लिरिक्स | aarti mangalkari ki pawansut ati baldhari ki lyrics

Join us for Latest Bhajan Lyrics Join Now

आरती मंगलकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की।।

तर्ज – आरती कुञ्ज बिहारी की।

गले में तुलसी की माला,
बजावें मृदंग करताला,
ह्रदय में दशरथ के लाला,
भाल पे तिलक,
अनोखी झलक,
कथा की ललक,
मधुर छवि जनहितकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की,
आरतीं मंगलकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की।।

जगत के जितने दुर्लभ काज,
कृपा से सबहिं देते नवाज,
नाम से भागत भूत पिशाच,
राम के दूत,
अंजनी के पुत,
बड़े मजबूत,
कठिन कलि कलिमलहारी की,
पवनसुत अति बलधारी की,
आरतीं मंगलकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की।।

साधु संतन के रखवारे,
सभी भक्तन के अति प्यारे,
बिराजत राघव के द्वारे,
श्री मंगल करन,
सकल भय हरन,
मुदित मन करन,
राम के आज्ञाकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की,
आरतीं मंगलकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की।।

आरती सब जन मिल गावै,
कृपा तब हनुमत की पावै,
मनोरथ पूरण हो जावै,
दयानिधि नाम,
सकल गुणधाम,
ज्ञान की खान,
अष्ट सिद्ध नव निधि कारी की,
पवनसुत अति बलधारी की,
आरतीं मंगलकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की।।

आरती मंगलकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की।।

स्वर – श्री विजय कौशल जी महाराज।

Leave a Comment